लाखों भटकते हैं, पर वो एक मंजिल दिखलाता हैं, लाखों रोते बिलखते हैं, वो आंसू पोंछने आता हैं,
दिल में उठती जो दुआ, एक पल में ही सुन जाता हैं, वही नूरे-जहाँ, इस दुनिया में “सांवरियां सेठ” कहलाता हैं।
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