Whatsapp Status in Hindi & English: Top 100 Shero Shayari in Hindi 2019 {100% Unique & Fresh}

Wednesday, December 26, 2018

Top 100 Shero Shayari in Hindi 2019 {100% Unique & Fresh}

Shero Shayari in Hindi 2019 - If you really want some cool and new shayari in hindi with hindi fonts and hindi language. All of the shayari are unique and fresh for you. Just share it with your friends.

Shero Shayari in Hindi 2019

Shero Shayari in Hindi 2019


1. हम अल्फाजो को ढूढते रह गए और वो आँखों से गज़ल कह गए|

2. मौसम बदल गये जमाने बदल गये| लम्हों में दोस्त बरसों पुराने बदल गये| दिन भर रहे जो मेरी मोहब्बत की छॉंव में| वो लोग धूप ढलते ही ठिकाने बदल गये|

3. शायर कहकर बदनाम ना कर मुझे| मैं तो रोज़ शाम को दिनभर का हिसाब लिखता हूँ|

4. इतना भी गुमान न कर अपनी जीत पर ऐ बेखबर| शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैं|

5. कोई नहीं याद करता वफ़ा करने वालों को, मेरी मानों बेवफा हो जाओ ज़माना याद रखेगा|

6. शायरी में सिमटते कहाँ है दिल के दर्द दोस्तों| बहला रहे हैं ख़ुद को ज़रा काग़ज़ों के साथ|

7. न रख इतना गुरूर अपने नशे में ए शराब| तुझसे ज्यादा नशा रखती हैं आँखे किसी की|

8. जो नफरत उसको दिखाई थी कुछ यूँ बेकार हो गई, जुबान मेरे बस में रहीं, और आँखे गद्दार हो गई|

9. कांच जैसे होते हैं हम तन्हां जैसे लोगों के दिल, कभी टूट जाते हैं और कभी तोड़ दिए जाते हैं|

10. तेरे लफ़्ज़ों को शिद्दत से पढ़ने में सुकून मिलता है| तुम्हारी इन प्यारी यादों को भूलना ही कौन चाहता है|

11. नशा हम किया करते है| इलज़ाम शराब को दिया करते है| कसूर शराब का नहीं उनका है| जिनका चहेरा हम जाम मै तलाश किया करते है|

12. मैं अपनी सुबह शाम यूँ ही गुजार लेता हूँ, जो भी ज़ख्म मिलते हैं कागज़ पे उतार लेता हूँ|

13. दुर रहने से मोहब्बत बढती है, यह कह कर वो शख्स मेरा शहर छोङ गया|

14. औरों की तरह मैं नहीं लिखता डायरियाँ तेरी और बन जाती है शायरिया|

15. बहके कदम तो गिरे उनकी बाँहों मे जा कर, आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया|

16. मेरे लफ़्ज़ों को इतनी शिद्दत से न पढ़ा करो, कुछ याद रह गया तो, हमें भूल नहीं पाओगे|

17. ये कैसे मुनकिन है कि जिंदगी में गम न मिले, कोई हमें न मिला किसी को हम न मिले, क्या चाल चली है मेरे मुक्दर ने मुझसे, प्यार तेरा मिला मगर तुम न मिले|

18. पुछ कर देख अपने दिल से की हमे भुलना चहाता है क्या, अगर उसने हा कहा तो कसम से महोब्बत करना छोङ देगे|

19. सोचता हूँ बंद करूँ लिखना शायरी ये किसी के काम नहीं आती| उसकी याद तो दिलाती है पर उस का दीदार नहीं कराती|

20. सोचता हूँ बंद करूँ लिखना शायरी येl किसी के काम नहीं आती| उसकी याद तो दिलाती है पर उस की झलक नहीं दिखाती|

21. गलतफहमी की गुंजाईश नहीं सच्ची मोहब्बत में| जहाँ किरदार हल्का हो, कहानी डूब ही जाती है|

22. किसी ने आज पूछा, कहा से ढूंढ लाते हो एसी शायरी| में मुस्कुरा के बोला उसके खयालो में डूबकी लगा कर|

23. खाली हो चला दिल अहसासों से| न दिल कुछ कहता है न कलम कुछ लिखती है|

24. मुझे मजबूर करती हैं यादें तेरी वरना| शायरी करना अब मुझे अच्छा नहीं लगता|

25. चेहरा है जैसे झील में हँसता हुआ कवंल| या ज़िन्दगी के साज़ पे छेड़ी हुई ग़ज़ल| जाने बहार तुम किसी शायर का ख्वाब हो|

26. हुस्न वालों को क्या जरूरत है संवरने की| वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं|

27. मोहब्बत से, इनायत से, वफ़ा से चोट लगती है| बिखरता फूल हूँ, मुझको हवा से चोट लगती है| मेरी आँखों में आँसू की तरह इक रात आ जाओ| तकल्लुफ़ से, बनावट से, अदा से चोट लगती है|

28. दिल होना चाहिए जिगर होना चाहिए| आशिकी के लिए हुनर होना चाहिए| नजर से नजर मिलने पर इश्क नहीं होता| नजर के उस पार भी एक असर होना चाहिए|

29. उल्फत में अक्सर ऐसा होता है| आँखे हंसती हैं और दिल रोता है| मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी| हमसफर उनका कोई और होता है|

30. ग़ज़लों का हुनर साकी को सिखायेंगे| रोएंगे मगर आँसू नहीं आयेंगे| कह देना समंदर से हम ओस के मोती हैं| दरिया की तरह तुझसे मिलने नहीं आयेंगे|

31. खामोशियो से युँ न मुझको सज़ा दो| दिल की बात को हौले हौले से कह दो|

32. मुझे देखने से पहले साफ़ कर, अपनी आँखों की पुतलियाँ ग़ालिब| कहीं ढक ना दे मेरी अच्छाइयों को भी, नज़रों की ये गन्दगी तेरी|

33. रंगों के बिना जिंदगी में रंग क्या होगा| तुम नहीं तो जिंदगी का ढंग क्या होगा| तुम्हारे बिना कटता नहीं इक पल हमारा| तन्हाईयों से भरी रात का संग क्या होगा|

34. अपने नहीं तो अपनों का साथ क्या होगा| सपनों में हो उनसे मुलाकात तो क्या होगा| सुबह से शाम तक हमें इंतजार हो जिनका| वादों में कटे रात तो रात का क्या होगा|

35. कभी काली सियाह रातें हमें एक पल की लगती है| कभी एक पल बिताने मे जमाने बीत जाते है|

36. कभी नजरे मिलाने मे जमाना बीत जाता है| कभी नजरे चुराने मे जमाना बीत जाता है|

37. तु है सुरज तुझे मालुम कहां रात का दुख| तु किसी रोज मेरे घर मे उतर शाम के बाद|

38. उडने दो परींदो को अभी शोख हवा में| फिर लौट के बचपन के जमाने नहीं आते|

39. मुस्कुरा देता हूँ अक्सर देखकर पुराने खत तेरे| तू झूठ भी कितनी सच्चाई से लिखती थी|

40. मैं क्या हूँ, कैसा हूँ, जमाना सब जाने| खुली किताब सा जीवन हर कोई पहचाने| नेकी हो सदा मन में ,हो लबों पर प्रेम तराने| खुशियाँ बांटू सबको, गम के किस्से हो पुराने|

41. दिन तो जैसे तैसे गुजर जाता है| रात कि तन्हाई बहुत सताती है| इतना तो क़रीब रहो दूर ना लगे| जिंदगी भी अज़नबी सी लगती है|

42. रात तो अपने समय पर ही होती है| इक तेरा ख्याल है जो कभी भी आ जाता है|

43. वो इश्क के क़िस्से, पुराने हो गए| उनसे बिछड़े हमें, ज़माने हो गए| शमा तो जली इंतज़ार में रात भर| परवाने के झूठे सब, बहाने हो गए|

44. बचपन भी कमाल का था खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें या ज़मीन पर, आँख बिस्तर पर ही खुलती थी|

45. आग़ाजे़ आशिक़ी का मज़ा आप जानिये| अंजामे आशिक़ी का मज़ा हमसे पूछिये|

46. मै तेरा कुछ भी नहीं हूँ, मगर इतना तो बता| देखकर मुझको तेरे जेहन में आता क्या है|

47. मेरे टूटने की वजह मेरे जौहरी से पूछो| उस की ख्वाहिश थी कि मुझे थोडा और तराशा जाये|

48. तुम एक महंगे खिलोने हो और मै एक गरीब का बच्चा| मेरी हसरत ही रहेगी तुझे अपना बनाने की|

49. तु कोशिश तो कर किसी गरीब की मदत करने की| ये तेरे होठ खुद व खुद ही मुस्करा देंगे|

50. ढल रही हैं ज़िन्दगी बुझ गई शमा परवाने की| अब वजह जीने की नहीं मिलती यहाँ| ज़नाब आपको अब भी पड़ी हैं मुस्कराने की|

51. तन्हाइयों का एक अलग ही सुरुर होता है| इसमें डर नहीं होता.किसी से बिछड जाने का|

52. कितनी पी कैसे कटी रात मुझे होश नहीं| रात के साथ गई बात मुझे होश नहीं| मुझको ये भी नहीं मालूम कि जाना है कहाँ| थाम ले कोई मेरा हाथ मुझे होश नहीं|

53. मुझसे बेवफाई की इन्तहा क्या पूछते हो| वह मुझसे मोहब्बत दिखती है किसी और के लिए|

54. ना हवस तेरे जिस्म की, ना शौक तेरी खूबसूरती का| बेमतलबी सा बन्दा हूँ, बस तेरी सादगी पे मरता हूँ|

55. मिलावट है तेरे इश्क में इत्र और शराब की| कभी हम महक जाते हैं तो कभी बहक जाते हैं|

56. तुम्हारी सुन्दर आँखों का मकसद कहीं ये तो नहीं| कि जिसको देख लें उसे बरबाद कर दें|

57. मुझे अपनी वफादारी पे कोई शक नही होता| मैं खून ए दिल मिला देता हु जब झंडा बनाता हु|

58. मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो| मेरे खयालो मे तुम हो, या मेरा खयाल ही तुम हो| दिल मेरा धडक के पूछे, बार बार एक ही बात मेरी जान मे तुम हो, या मेरी जान ही तुम हो|

59. जो वक्त पे रिप्लाइ नहीं देती वो वक्त पे साथ क्या देगी|

60. ये सोचकर उसके हर बात पे यकींन किया था मैंने| की इतने हसीन होंठ झूठ कैसे बोलेंगे|

61. बहाना मिल न जाये बिजलियों को टूट पड़ने का| कलेजा काँपता है आशियाँ को आशियाँ कहते|

62. हवाओं की भी अपनी अजब सियासतें हैं| कहीं बुझी राख भड़का दे कहीं जलते चिराग बुझा दे|

63. कभी सोचता हूँ वो क्यों मिला मुझे| फिर सोचता हूँ वो क्यों नहीं मिला मुझे|

64. आप मुझसे मिलने आये है| बैठी़ये मै खुद को बुला के लाता हुं|

65. हम तो वो हे जो तेरी बातेँ सुन कर तेरे हो गए थे| वो और होंगे जिन्हे मोहब्बत चेहरो से होती हो|

66. शायरी उसी के लबों पर सजती है साहिब| जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हो|

67. लडते रहते हैं दो मुल्कों की तरह तुम्हारे लिए| तुम्हारी क्या खता है इसमें तुम हो ही कश्मीर सी सुंदर|

68. हमारे इकरार के इरादे को दे जाता है हर रोज शिकस्त| किसी और के लिये तेरा हल्का सा महफील मे मुस्कुरा देना|

69. काश| मैं ऐसी शायरी लिखूँ तेरी याद में| तेरी शक्ल दिखाई दे हर अल्फ़ाज़ में|

70. दीवाने है तेरे नाम के इस बात से इंकार नहीं| कैसे कहें कि तुमसे प्‍यार नहीं| कुछ तो कसूर है आपकी आखों का| हम अकेले तो गुनहगार नहीं|

71. मुझे मालूम नहीं कि मेरी आँखों को तलाश किस की है| पर तुझे देखूं तो बस मंज़िल का गुमान होता है|

72. उसकी चाहत के दो लम्हे बड़े ही जानलेवा थे| पहले मोहब्बत का इक़रार फिर मोहब्बत से इनकार|

73. काम उनके जो बस काम किया करते हैं| अपने सपनों को अंजाम दिया करते हैं| पता नहीं फिर कुछ लोग रंग क्यों बदलते हैं| मुश्किल उनसे जो बदनाम किया करते हैं|

74. किसी ने आज पूछा हमसे कहाँ से लाते हो ये शायरी| मैं मुस्करा के बोला| उसके ख्यालो मे डूब कर|

75. आपका चेहरा हसीन गुलाबो से मिलता जुलता है| नशा पीने से ज्यादा तुमको देखने से चढ़ता है|

76. शायरों की बस्ती में कदम रखा तो जाना| गमों की महफिल भी कमाल की जमती है|

77. आधे दुःख गलत लोगो से उम्मीद रखने से होते है| और बाकी आधे सच्चे लोगो पे शक करने से होते है|

78. भूले नहीं हम उसे और भूलेगें भी नहीं| बस नज़र अंदाज करेंगे उसे उसी की तरह|

79. कभी मतलब के लिए तो कभी बस दिल्लगी के लिए| हर कोई मोहब्बत ढूँढ़ रहा है यहाँ अपनी तन्हा सी ज़िन्दगी के लिए|

80. ज़र्रे जर्रे में छुपा है हौसलेवालों का जोश| पैदा होते है इसी मिट्टी से ही सरफ़रोश|

81. तरसेगा जब दिल तुम्हारा मेरी मुलाकात को| ख्वाबो मे होगे तुम्हारे हम उसी रात को|

82. जिसकी जितनी परवाह की जाये वो| उतना ही बेपरवाह हो जाता है|

83. जरूरत और चाहत में बहुत फ़र्क है| तालमेल बिठाते बिठाते ज़िन्दगी गुज़र जाती है|

84. अच्छा दोस्त जिंदगी को जन्नत बनाता है| इसलिए मेरी कद्र किया करो वर्ना फिर कहते फिरोगे| बहती हवा सा था वो, यार हमारा था वो, कहाँ गया उसे ढूढों|

85. तुमसे क्या गिला करना गुजारिश है मिला करना| जिंदगी मेरी आसान होगी बस साँसों में घुला करना|

86. मौसम सर्द है और फिजां भी सुहानी है| बस तुम, तुम्हारी यादें और बाकि सब बेमानी है|

87. आज कुछ और नहीं बस इतना सुनो| मौसम हसीन है लेकिन तुम जैसा नहीं|

88. याद तेरी आती है क्यो.यू तड़पाती है क्यो| दूर है जब जाना था| फिर रूलाती है क्यो| दर्द हुआ है ऐसे, जले पे नमक जैसे| खुद को भी जानता नही, तुझे भूलाऊ कैसे|

89. सुर्ख आँखों से जब वो देखते हैं| हम घबराकर आँखें झुका लेते हैं| क्यों मिलायें उन आँखों से आँखें| सुना है वो आँखों से ही अपना बना लेते हैं|

90. वो मेरे हाथो की लकीरे देखकर अक्सर मायुस हो जाती थी| शायद उसे भी एहसास हो गया था कि वो मेरी किस्मत  मे नही|

91. तुम एक दिन लौट के आओगे मुझे इतना यकीन है| ये और बात है मै रहू या ना रहू इस दुनिया में|

92. हो ना जाए हुश्न की शान में गुस्ताखी कही| तुम चले जाओ तुम्हे देख कर प्यार आता है|

93. एक आँसू कह गया सब हाले दिल का| मै समझती थी ये ज़ालिम बे जुबान है|

94. तेरी हुश्न की तारीफ में एक किताब लिख दिया| काश  तेरी वफा भी तेरी हुश्न के बराबर होता|

95. वो नाकाम मोहब्बत है तू कर एक और मोहब्बत| सुना हूँ इश्क दर्द भी है दवा भी|

96. इतनी पीता हूँ कि मदहोश रहता हूँ| सब कुछ समझता हूँ पर खामोश रहता हूँ| जो लोग करते हैं मुझे गिराने की कोशिश मैं अक्सर उन्ही के साथ रहता हूँ|

97. नशा हम करते हैं, इलज़ाम शराब को दिया जाता है, मगर इल्ज़ाम शराब का नहीं उनका है, जिनका चेहरा हमें हर जाम में नज़र आता है|

98. साथ ना रहने से रिश्ते टूटा नहीं करते, वक़्त की धुंध से लम्हे टूटा नहीं करते, लोग कहते हैं कि मेरा सपना टूट गया टूटी नींद है, सपने टूटा नहीं करते|

99. मेरी नजरों की तरफ देख जमानें पे न जा| इक नजर फेर ले, जीने की इजाजत दे दे, रुठ ने वाले वो पहली सी मोहब्बत दे दे, इश्क मासुम है, इल्जाम लगाने पे न जा|

100. अकेले हम बूँद हैं, मिल जाएं तो सागर हैं| अकेले हम धागा हैं, मिल जाएं तो चादर हैं| अकेले हम कागज हैं, मिल जाए तो किताब हैं|

Related Tags: Shero Shayari in Hindi 2019

No comments:

Post a Comment